प्रयागराज [टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने एक नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया है। पहले दिन ही करीब 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर पवित्रता प्राप्त की। यह महाकुंभ इस बार विशेष खगोलीय संयोग के साथ हो रहा है,जो 144 वर्षों में एक बार देखने को मिलता है। यह संयोग वही है, जो समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुआ था।
महाकुंभ का महत्व और खगोलीय संयोग
महाकुंभ हर 12 साल में आयोजित होता है, लेकिन इस वर्ष का महाकुंभ खास है क्योंकि यह खगोलीय दृष्टि से अत्यधिक दुर्लभ संयोग में हो रहा है। समुद्र मंथन की घटना के दौरान भी इस प्रकार के खगोलीय संयोग बने थे, जो धर्म और आस्था के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
अमृत स्नान में 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी
महाकुंभ के पहले दिन 1 करोड़ 75 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इन श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान का लाभ उठाते हुए पुण्य की प्राप्ति की और आस्था की शक्ति को महसूस किया। इस ऐतिहासिक दिन के दौरान 44 घाटों पर स्नान हुआ और सुरक्षा की दृष्टि से NSG कमांडो की तैनाती की गई थी।
हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा और सुरक्षा इंतजाम
धार्मिक महत्व के इस दिन के दौरान हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई, जो श्रद्धालुओं के बीच विशेष उत्साह का कारण बनी। इसके साथ ही, पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे, जहां पर NSG कमांडो और पुलिसकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई थी।
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भीड़ और सुविधाएं
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और प्रशासन द्वारा उन्हें सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। पवित्र संगम स्थल पर स्वास्थ्य, सुरक्षा और पानी की उचित व्यवस्था के साथ, श्रद्धालुओं के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।