लखनऊ[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने 16 जनवरी को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मायावती ने पार्टी के जनाधार को बढ़ाने और पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने पार्टी के छोटे-बड़े पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों को कई महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।
बसपा की आर्थिक नीतियों पर मायावती का बयान
मायावती ने बैठक में स्पष्ट किया कि बसपा अपने कार्यकर्ताओं से ही आर्थिक सहायता लेकर पार्टी की गतिविधियों का संचालन करती है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों से आर्थिक मदद नहीं लेती है, जैसे कि कांग्रेस, भाजपा और अन्य विरोधी दल करते हैं। हमारी पार्टी की शक्ति हमारे कार्यकर्ताओं से आती है, जो पार्टी के साथ खड़े होते हैं।”
भाजपा सरकार पर कड़ा हमला
मायावती ने राज्य की भा.ज.पा सरकार को निशाना बनाते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था के नाम पर गरीबों, मजलूमों, बेसहारा और मेहनतकश लोगों पर दमनकारी नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया संविधान के खिलाफ है और इसे संवेदनशील तरीके से सुधारने की आवश्यकता है।
अमित शाह और भाजपा की आलोचना
मायावती ने भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के दलित समाज के प्रति रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने अमित शाह से मांग की कि वे अपने “बाबा साहेब विरोधी बयान” को वापस लेकर पश्चाताप करें। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं और इन पार्टियों का जातिवादी और साम्प्रदायिक रवैया अब तक नहीं बदला है।
बसपा का भविष्य और मायावती की रणनीतियां
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें पुराने ढंग से पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए कार्य करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने एक ठोस और व्यापक रणनीति बनाने की आवश्यकता जताई, ताकि पार्टी का जनाधार और मजबूत हो सके और आने वाले चुनावों में पार्टी की स्थिति और सशक्त हो सके।