दिल्ली[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। भारत के रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रस्तावित विशाल बांध को लेकर भारत की सतर्कता का खुलासा किया। यह बयान उन्होंने आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान दिया। राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी सीमाओं के पास तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले इस बांध को लेकर पूरी तरह सतर्क है और सरकार इस पर निगरानी रखेगी।
चीन का विशाल बांध: एक संभावित खतरा
चीन ने हाल ही में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने की योजना की घोषणा की है। इस बांध के बनने से नदी के निचले बहाव क्षेत्रों में स्थित देशों को खतरा हो सकता है, खासकर भारत को। ब्रह्मपुत्र नदी भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बहती है, और इसकी जलधारा पर कोई भी बड़ा बांध सीधे तौर पर भारतीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत की निगरानी और सुरक्षा रणनीति
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार पूरी तरह से सतर्क है और चीन की इस योजना पर निगरानी रखे हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। इस संदर्भ में, भारत ने चीन से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि ब्रह्मपुत्र नदी के निचले इलाकों में स्थित देशों के हितों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
भारत की वैश्विक स्थिति में बदलाव
इस बयान में राजनाथ सिंह ने भारत की वैश्विक स्थिति में हो रहे बदलावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बात करता था तो लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन अब भारत की आवाज को पूरी दुनिया सुनती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि पहले भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी, अब यह 5वें स्थान पर है और अगले ढाई वर्षों में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।
भारत और चीन के रिश्ते: भविष्य की चुनौतियां
चीन के साथ भारत के रिश्ते हमेशा चुनौतीपूर्ण रहे हैं, खासकर सीमा विवादों और जल स्रोतों के मुद्दों पर। ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रस्तावित बांध भी दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक नया तनावपूर्ण मुद्दा बन सकता है। हालांकि, भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपनी सुरक्षा और जल संसाधनों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।