
ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में अवैध कॉलोनी बसाने के आरोप में 18 कॉलोनाइजर पर मुकदमा फाइल फोटो
नोएडा[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित तुस्याना गांव में अवैध कॉलोनी बसाने के मामले में 18 कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये कॉलोनाइजर अधिसूचित क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनियां विकसित कर रहे थे और भूखंडों को बेचने का काम कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के निर्देश पर इस मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। अधिकारियों ने इन कॉलोनाइजरों को 15 दिनों के भीतर भूमाफिया घोषित करने का आदेश दिया है।
अवैध कॉलोनी के निर्माण की शुरुआत
तुस्याना गांव में इन कॉलोनाइजरों ने बिना किसी कानूनी अनुमति के जमीनों पर कॉलोनी बसानी शुरू की। जब इस मामले की शिकायत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना विभाग के वर्क सर्कल-3 द्वारा की गई, तो प्राधिकरण ने इस पर त्वरित कार्रवाई शुरू की। नोटिस जारी करने और मौके पर जाकर कॉलोनी के निर्माण को रोकने के बावजूद इन गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा।
कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर और भूमाफिया घोषित करने की प्रक्रिया
इस मामले में इकोटेक-तीन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एन जी रवि कुमार के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। इसके साथ ही, अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे 15 दिनों के भीतर इन कॉलोनाइजरों को भूमाफिया घोषित करें।
ग्रेटर नोएडा के पुलिस अधिकारी अनिल कुमार पांडे ने इस घटना की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस अब यह निर्धारित करेगी कि इन कॉलोनाइजरों की गतिविधियां और अधिक बढ़ी हैं या नहीं और किस हद तक इनका नेटवर्क फैल चुका है।
नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई पर प्रशासन का सहयोग
नोएडा प्राधिकरण की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर प्रशासन ने इस मामले में पूरी तरह से सहयोग की बात की है। तुस्याना गांव के अवैध कॉलोनी निर्माण की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि अब भूमि कब्जा और अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जा रहा है। भूमि कब्जे और अवैध कॉलोनी निर्माण के मामलों में सरकारी प्राधिकरण अब और अधिक सक्रिय हो गए हैं।
भूमाफिया के खिलाफ सख्त कदम
भूमाफिया की गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कॉलोनाइजरों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए। इन अपराधों में शामिल लोगों को 15 दिनों के भीतर भूमाफिया घोषित किया जाएगा, और इसके बाद उनकी संपत्तियों को सील किया जा सकता है। यह कदम भूमि कब्जे की समस्या को खत्म करने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।