प्रयागराज[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। महाकुंभ मेला 2025 में कलाग्राम ने सांस्कृतिक उत्सवों और कला प्रदर्शनी के माध्यम से देश की विविध कला और संस्कृति को एक छत के नीचे प्रदर्शित किया। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कलाग्राम का बुधवार को दौरा किया और वहां की सांस्कृतिक गतिविधियों की सराहना की।
कलाग्राम का उद्घाटन और मंत्री का संबोधन
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्थापित कलाग्राम का दौरा किया और वहां की सांस्कृतिक प्रदर्शनी और नाटकों का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, “देश की कला-संस्कृति को एक छत के नीचे सजीवता से प्रदर्शित करने के हमारे उद्देश्य को जनता-जनार्दन का आशीर्वाद मिलना पूरी टीम के लिए हर्ष का विषय है।”
उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ प्रयागराज में संस्कृति मंत्रालय की कलाग्राम प्रस्तुति को श्रद्धालुओं और पर्यटकों से जबरदस्त सराहना मिल रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शानदार आयोजन
कलाग्राम में विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी कला और संस्कृति का शानदार प्रदर्शन किया। केंद्र के प्रभारी निदेशक ने इस कार्यक्रम का स्वागत करते हुए बताया कि यह देश की सांस्कृतिक विविधता को एक साथ प्रस्तुत करने का बेहतरीन मंच है। इस दौरान विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
कश्मीर से लेकर असम तक, विभिन्न राज्यों की प्रस्तुतियां
जम्मू-कश्मीर से आए खेमराज और उनके दल ने कुड नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें ढोल, बांसुरी, शहनाई की धुन पर नृत्य किया गया। इसके बाद हिमाचल प्रदेश से आए प्रेम चंद्र बाउली और उनकी टीम ने सिरमौर नाटी का प्रदर्शन किया। असम के कलाकारों ने बिहू नृत्य से महाकुंभ के मंच पर रंग भर दिया, जबकि हरियाणा के कलाकारों ने पारंपरिक फाग नृत्य प्रस्तुत किया।
इसके अलावा, पंजाब के कलाकारों ने झूमर नृत्य के माध्यम से लोककथाएं और ऐतिहासिक घटनाएं जीवंत रूप में प्रस्तुत की।
नाटक समुद्र मंथन और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
इस दौरान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘समुद्र मंथन’ ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस नाटक का निर्देशन चित्तरंजन त्रिपाठी ने किया और यह देवों और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। इसके अलावा, यश मिश्रा के निर्देशन में शबरी की प्रतीक्षा नाटक का मंचन भी झूंसी में हुआ, जो दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।