
लखनऊ में स्थायी व्यवसाय रणनीतियों पर राष्ट्रीय सम्मेलन: एसएमएस में 70 शोध पत्र प्रस्तुत
लखनऊ [टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। लखनऊ में ‘संस्टेनेबल बिजनेस स्ट्रेटेजीज फॉर ए शेयर्ड फ्यूचर’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एसएमएस लखनऊ द्वारा इंडियन सोसाइटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट (आईएसटीडी) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (आईआईपीए) के सहयोग से हुआ। सम्मेलन में स्थिरता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई, और देशभर से 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
स्थिरता अब आवश्यकता बन चुकी है: प्रो. आशीष भटनागर
एसएमएस लखनऊ के निदेशक प्रो. आशीष भटनागर ने सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि “स्थिरता अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन गई है।” उन्होंने व्यावसायिक रणनीतियों में स्थिरता के महत्व को रेखांकित किया और इसके समग्र विकास पर जोर दिया।
पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों पर चर्चा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आर. रमानी ने पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों के समाधान पर विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे व्यावसायिक रणनीतियों में स्थिरता को सम्मिलित करना जरूरी है, ताकि समाज और पर्यावरण दोनों का कल्याण हो सके।
संगठनों को उद्देश्य-आधारित मॉडल अपनाने की आवश्यकता: प्रो. श्रुति शर्मा राणा
टीईआरआई की प्रो. श्रुति शर्मा राणा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि संगठनों को लाभ के बजाय उद्देश्य-आधारित मॉडल अपनाना चाहिए। उनका कहना था कि इस तरह के मॉडल से न केवल संगठन के लिए स्थिरता सुनिश्चित होती है, बल्कि समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
शैक्षणिक, औद्योगिक और वित्तीय स्थिरता पर चर्चा
इस सम्मेलन में शैक्षणिक और औद्योगिक स्थिरता, फैशन उद्योग में स्थिरता और वित्तीय स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। बीएचयू के प्रो. वी.के मिश्रा और आईआईएम कोझीकोड के प्रो. कृष्ण कुमार ने भी अपने विचार साझा किए।
सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार
इस सम्मेलन के दौरान 70 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से श्री शिवासुब्रामण्यम इमानी को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार मिला। उनके शोध ने स्थिरता के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए थे।
कॉर्पोरेट स्थिरता पर प्रो. अजय प्रकाश की टिप्पणी
लखनऊ प्रबंधन विश्वविद्यालय के प्रो. अजय प्रकाश ने सम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि “कॉर्पोरेट स्थिरता नेतृत्व और जवाबदेही का विषय है।” उनका कहना था कि कंपनियों को अपनी कार्यप्रणाली में स्थिरता और जवाबदेही को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि समाज और पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी पूरी हो सके।
समापन सत्र और विचार
समापन सत्र में इग्नू के प्रो. पवनेश कुमार और भारतीय रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक सुधांशुमणि ने अपने विचार रखे। इस सत्र में स्थिरता के विषय पर विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए गए, और सभी ने इस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।