
नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में बढ़ी त्रिवेणी के जल की मांग: असम से टैंकर लेकर संगम पहुंचे श्रद्धालु फाइल फोटो
प्रयागराज [टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना पर इलाहाबाद लोकसभा सीट के सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने मेला प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने मेला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए इस घटना को एक बड़ी चूक और लापरवाही बताया है। इसके अलावा, उन्होंने मेला प्रशासन की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और इसे पूरी तरह बेपरवाह करार दिया।
मेला प्रशासन की लापरवाही पर सांसद सिंह का आरोप
उज्ज्वल रमण सिंह ने बृहस्पतिवार को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में महाकुंभ के भगदड़ पीड़ितों से मुलाकात की और मेला प्रशासन की विफलता पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन ने किसी भी विशेषज्ञ की सलाह नहीं ली और कुंभ मेले के लिए एक भी बैठक आयोजित नहीं की। सिंह का कहना था कि अगर अनुभवी लोगों से सलाह ली जाती, तो इस घटना से बचा जा सकता था।
श्रद्धालुओं की परेशानियां और व्यवस्थाओं की आलोचना
सिंह ने कहा कि महाकुंभ में जिस प्रकार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे, मेला प्रशासन ने उनकी सुविधा और सुरक्षा का कोई उचित ध्यान नहीं रखा। व्यवस्था केवल वीआईपी लोगों के लिए थी, जबकि सामान्य श्रद्धालु और तीर्थ पुरोहितों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि मेला क्षेत्र में जगह-जगह 30 किलोमीटर तक श्रद्धालुओं को पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया, जिससे भगदड़ जैसी घटनाएं हो सकती थीं।
सरकार पर प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं को अधूरा छोड़ने का आरोप
सिंह ने आरोप लगाया कि महाकुंभ पर 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन आवश्यक ढांचागत परियोजनाओं, जैसे फाफामऊ पुल और इनर रिंग रोड, को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने इन परियोजनाओं की कमी को घटना की एक वजह बताया। साथ ही, उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की और इस पर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में लेखा परीक्षण की आवश्यकता जताई।
मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग
सिंह ने महाकुंभ भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जानी चाहिए, और घायलों के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।