
विधायक रमेशचंद्र मिश्र ने बजट सत्र में उठाई होम्योपैथी, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी को राहत कोष से जोड़ने की मांग
जौनपुर[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान, विधायक रमेशचंद्र मिश्र ने एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दा उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष और विधायक निधि में होम्योपैथी, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से इलाज कराने वाले मरीजों को भी आर्थिक सहायता देने की मांग की। उनके इस कदम से राज्य की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को सरकारी सहायता की उम्मीद जगी है।
मुख्यमंत्री राहत कोष और विधायक निधि से इलाज की सुविधा
विधायक रमेशचंद्र मिश्र ने सदन में यह तर्क रखा कि जैसे एलोपैथी से इलाज कराने वाले मरीजों को मुख्यमंत्री राहत कोष और विधायक निधि से सहायता मिलती है, वैसे ही होम्योपैथी, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से इलाज कराने वालों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन पारंपरिक पद्धतियों के जरिए मरीज कम खर्च में जल्दी ठीक हो रहे हैं।
पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां : लाभ और लोकप्रियता
विधायक ने अपने पिता का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पिता का घुटनों का इलाज ‘सिंगी विधि’ (Ayurvedic Treatment) से हुआ, जिससे उन्हें काफी राहत मिली। इस प्रकार के इलाज में न केवल समय की बचत होती है, बल्कि कम खर्च में मरीजों को स्वस्थ करने की संभावना रहती है। विधायक ने इस बात पर जोर दिया कि इन चिकित्सा पद्धतियों से इलाज कराने वाले लोगों को भी राज्य सरकार की सहायता मिलनी चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री का जवाब
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधायक रमेशचंद्र मिश्र की इस मांग पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से जवाब देने को कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया और चर्चा करने की बात कही।