
RBI MPC Meet: 5 साल बाद ब्याज दरों में कटौती, क्या घटेंगी EMI दरें?
दिल्ली[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) आज, 7 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI ब्याज दरों में 5 साल बाद पहली बार कटौती करने का फैसला ले सकता है। इस कदम से घर, कार और पर्सनल लोन की EMI पर असर पड़ेगा। जानिए इस फैसले का असर आपके ऋणों पर कैसे हो सकता है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना
आरबीआई की MPC मीटिंग 5 फरवरी 2025 को शुरू हुई थी और आज यह समाप्त हो रही है। इस बैठक में 25 आधार अंकों (BPS) की ब्याज दर में कटौती का फैसला लिया जा सकता है। अगर यह कटौती होती है, तो यह पिछले 5 सालों में पहली बार होगा जब RBI अपनी नीतिगत ब्याज दर में कमी करेगा। इस निर्णय का असर सीधे तौर पर कर्ज लेने वालों पर पड़ेगा, जिससे उनकी EMI कम हो सकती है।
RBI की नीति और उसका असर
आरबीआई के रेपो दर (वह ब्याज दर जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है) में कटौती का असर न केवल कर्ज की दरों पर पड़ता है, बल्कि यह पूरे अर्थव्यवस्था में खर्च और निवेश को प्रोत्साहित करता है। अगर रेपो दर कम होती है, तो बैंकों की ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे लोन की EMI घट सकती है। वहीं, अगर यह दर बढ़ती है, तो बैंक उधार के पैसे पर अधिक ब्याज लेंगे, जिससे ब्याज दरें और EMI महंगी हो जाएंगी।
2 साल से स्थिर रही हैं ब्याज दरें
फरवरी 2023 से आरबीआई ने अपनी नीतिगत रेपो दर को 6.50% पर स्थिर रखा है। दिसंबर 2024 में भी, RBI की MPC ने 11वीं बार इस दर में कोई बदलाव नहीं किया था। महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह स्थिरता रखी गई थी। हालांकि अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 में ब्याज दरों में कमी की जा सकती है, जिससे लोन लेने वालों को राहत मिलेगी।
5 साल पहले हुई थी ब्याज दरों में कटौती
कोविड-19 महामारी के दौरान, मई 2020 में RBI ने ब्याज दरों में कटौती की थी। उस समय रेपो दर को 4% तक घटा दिया गया था ताकि आर्थिक मंदी को रोकने और नागरिकों को राहत देने के उपाय के रूप में काम किया जा सके। लेकिन अब, 5 साल बाद, ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है।
नए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की उम्मीदें
नई मौद्रिक नीति समिति की अध्यक्षता अब संजय मल्होत्रा कर रहे हैं। उन्होंने दिसंबर 2024 में RBI गवर्नर का पद संभाला था। उनकी अध्यक्षता में पहली बार MPC मीटिंग हो रही है। उनके नेतृत्व में, आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार ब्याज दरों में परिवर्तन संभव है।
होम लोन पर असर
केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती का सबसे बड़ा फायदा होम लोन के कर्जदारों को हो सकता है। अगर RBI रेपो दर घटाता है, तो बैंकों के लिए यह संभव होगा कि वे अपनी लोन रेट्स कम करें, जिससे होम लोन सस्ता हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहकों के लिए घर खरीदना या ऋण लेना अधिक सस्ता हो जाएगा, और उनकी EMI भी घट सकती है।