लखनऊ [टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने बन रही सत्यवृत पुलिस चौकी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मस्जिद के पास चल रहे इस निर्माण कार्य को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे वक्फ की जमीन पर किया जा रहा अवैध निर्माण करार दिया है और सरकार पर तीखा हमला बोला है।
प्रशासन का पक्ष
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सत्यवृत पुलिस चौकी का निर्माण नियमानुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों की जांच की गई है, और इस संबंध में कोई कानूनी पक्षकार सामने नहीं आया है। डीएम ने यह भी दावा किया कि संबंधित जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है और इसे पुलिस चौकी निर्माण के लिए आवंटित किया गया है।
वक्फ बोर्ड की जमीन के दावे को लेकर उन्होंने कहा, “जिसका इस भूमि पर स्वामित्व है, वह व्यक्ति अब तक हमारे पास दस्तावेजों के साथ नहीं आया है। मौजूदा दस्तावेज ऑन-रजिस्टर्ड हैं और उनकी जांच चल रही है। अगर कोई अन्य वैध दस्तावेज लाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
ओवैसी का दावा
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि पुलिस चौकी का निर्माण वक्फ की जमीन पर हो रहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में जमीन से जुड़े कुछ दस्तावेज साझा करते हुए कहा कि यह जमीन रिकॉर्ड में वक्फ की संपत्ति के रूप में दर्ज है। ओवैसी ने प्राचीन स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है।
उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा, “सरकार के पास पुलिस चौकी और शराब की दुकान खोलने के लिए तो पैसे हैं, लेकिन स्कूल और अस्पताल बनाने के लिए नहीं।” ओवैसी के इन बयानों के बाद विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि
पिछले 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान संभल में हिंसक झड़पें हुई थीं, जिनमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसी के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से मस्जिद के पास खाली पड़े मैदान में पुलिस चौकी बनाने का निर्णय लिया। 27 दिसंबर से चौकी निर्माण कार्य जारी है।
हालांकि, इस निर्माण को लेकर विपक्ष और स्थानीय समुदाय के कुछ लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इस जमीन का उपयोग सामुदायिक और धार्मिक उपयोग के लिए होना चाहिए।
विरोध और प्रशासन की रणनीति
पुलिस चौकी निर्माण के खिलाफ स्थानीय स्तर पर भी विरोध देखा गया है। हालांकि, प्रशासन ने इन विरोधों को दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा है। प्रशासन का कहना है कि चौकी का निर्माण क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है।
संभल में यह विवाद केवल जमीन के स्वामित्व तक सीमित नहीं है। इसे राजनीतिक और धार्मिक एंगल से भी देखा जा रहा है, जो इसे और अधिक संवेदनशील बना रहा है। प्रशासन और विरोधियों के बीच चल रही खींचतान के बीच इस मामले का समाधान निकलेगा या नहीं, यह देखना बाकी है।
क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?
कानून विशेषज्ञों का कहना है कि वक्फ की जमीन पर निर्माण तभी वैध हो सकता है, जब संबंधित प्राधिकरण से अनुमति ली गई हो। वहीं, अगर यह जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है, तो निर्माण को गैरकानूनी कहना मुश्किल है।