लखनऊ [टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। गुन्नौर विकास खंड क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की हालत पर सवाल खड़े करते हुए खंड स्तरीय रैंडम चेकिंग में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शनिवार को किए गए औचक निरीक्षण में 128 विद्यालयों की जांच की गई, जिसमें से 77 शिक्षक, शिक्षा मित्र और अनुदेशक अनुपस्थित पाए गए। यह चेकिंग अभियान बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की देखरेख में चलाया गया, जिन्होंने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट तलब की है।
खंड स्तरीय चेकिंग का नतीजा
शनिवार को अधिकारियों ने गुन्नौर क्षेत्र के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया।
- कुल 128 विद्यालयों की चेकिंग हुई।
- 77 शिक्षक, शिक्षा मित्र, और अनुदेशक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए।
- कई स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बहुत कम थी।
- सुविधाओं की कमी और शिक्षण सामग्री का अभाव भी सामने आया।
यह निरीक्षण सरकारी शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करता है।
बीएसए का कड़ा रुख
जांच के परिणाम सामने आने के बाद बीएसए ने स्पष्ट किया कि अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की अनुपस्थिति एक गंभीर समस्या है। सभी से जवाब-तलब किया जाएगा और यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिलता है, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। इसके साथ ही, उन्होंने विद्यालयों में शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नियमित निरीक्षण करने की बात कही।
जांच में सामने आई अन्य खामियां
- शिक्षकों की अनुपस्थिति:
- कई शिक्षक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए।
- कुछ शिक्षकों को पहले भी चेतावनी दी जा चुकी है।
- छात्र उपस्थिति की कमी:
- कई विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति मात्र 30-40% थी।
- अभिभावकों और समुदाय की भागीदारी की कमी महसूस की गई।
- सुविधाओं का अभाव:
- कुछ स्कूलों में पानी, शौचालय, और सफाई की उचित व्यवस्था नहीं मिली।
- शिक्षण सामग्री जैसे किताबें और अन्य संसाधन उपलब्ध नहीं थे।
- प्रशासनिक लापरवाही:
- कई जगह रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखे गए थे।
- स्कूलों में समय पर शिक्षण गतिविधियां नहीं हो रही थीं।
शिक्षा मित्र और अनुदेशक निशाने पर
शिक्षा मित्र और अनुदेशक विशेष रूप से जांच के दायरे में हैं।
- इनमें से अधिकांश बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे।
- कई पर पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
- इस बार अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
आगामी कार्रवाई
बीएसए ने सभी अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मियों की जांच रिपोर्ट मांगी है।
- सैलरी कटौती:
जिनके पास वैध कारण नहीं होगा, उनकी सैलरी काटी जा सकती है। - सेवा समाप्ति:
बार-बार अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई हो सकती है। - नियमित निरीक्षण:
आगे भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहेंगे ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।