
राकेश सचान ने कारीगरों को दी टूल किट, मिट्टी उत्पादों को बढ़ावा
लखनऊ[टुडे टीवी इंडिया नेटवर्क]। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह-2025 का उद्घाटन किया। इस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के तत्वावधान में किया गया, जिसमें उत्कृष्ट कारीगरों को टूल किट वितरित की गई। साथ ही माटीकला उद्योग से जुड़े हितधारकों को सहयोग और संसाधन प्रदान किए गए। इस दौरान मंत्री राकेश सचान ने मिट्टी उत्पादों के उपयोग पर जोर देते हुए पॉलिथीन के विकल्प के रूप में इनका प्रचार करने की अपील की।
माटीकला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
मंत्री राकेश सचान ने इस अवसर पर कहा, “यह हम सबका दायित्व है कि हम लोगों को कुल्हड़, माटी के गिलास, थाली, बोतल और कुकर तथा कड़ाही जैसे उत्पादों का अधिकतम उपयोग करने हेतु प्रेरित करें।” उन्होंने कहा कि माटीकला उत्पाद न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा हैं।
पॉलिथीन के विकल्प के रूप में माटीकला उत्पाद
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने पॉलिथीन के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई और इसके विकल्प के रूप में माटीकला उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “माटीकला उद्योग से जुड़े कारीगरों को आधुनिक तकनीकों और संसाधनों की जरूरत है, ताकि वे अपनी कला को बेहतर ढंग से प्रदर्शित कर सकें और अपनी आय को बढ़ा सकें।”
2024-25 में किए गए प्रयास और उपलब्धियां
मंत्री राकेश सचान ने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024-25 में 3000 विद्युत चालित चॉक वितरित किए गए, साथ ही 375 पगमिल मशीन और 300 इकाइयों की स्थापना की गई। इस वर्ष 4800 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिलाया गया और एक सीएफसी की स्थापना भी की गई। इसके अतिरिक्त, खादी बोर्ड द्वारा 580 दोना पत्तल मशीन और 756 पॉपकॉर्न मशीन वितरित की गई हैं। माटीकला बोर्ड ने 48,048 माटीकला कारीगर परिवारों का चिन्हांकन किया और 32,593 कारीगरों को मिट्टी के लिए पट्टे दिए हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियां
कार्यक्रम में माटीकला सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर, सचिव प्रांजल यादव और उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी उज्ज्वल कुमार भी उपस्थित रहे। सभी उपस्थित अधिकारियों ने माटीकला उद्योग को और बढ़ावा देने के लिए अपने विचार साझा किए और कारीगरों को प्रोत्साहित किया।